खजुराहो मंदिर: खजुराहो कामसूत्र का स्वर्ग क्यों है?
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खजुराहो मंदिर: खजुराहो कामसूत्र का स्वर्ग क्यों है?

खजुराहो मंदिर: खजुराहो कामसूत्र का स्वर्ग क्यों है?खजुराहो मंदिर: खजुराहो कामसूत्र का स्वर्ग क्यों है?

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खजुराहो मंदिर: खजुराहो कामसूत्र का स्वर्ग क्यों है?  प्रिय पाठक आइए जानते हैं –

खजुराहो: भारत एक ऐतिहासिक धरोहर का संग्रहण करने वाला देश है, और यहाँ हर कोने में कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण स्थल है “खजुराहो मंदिर”। यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है जो मानव इतिहास की अद्वितीय धारा को प्रकट करता है। इस लेख में, हम “खजुराहो मंदिर” के महत्व, इतिहास, और उनकी सुंदरता पर चर्चा करेंगे।

खजुराहो: एक सुंदर शहर:  खजुराहो भारत देश के एक राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बहुत ही प्रसिद्ध शहर है जो अपने प्राचीन और अद्भुत कला शैली के मंदिरों के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।पूर्वी हिस्से में स्थित है और अपने शानदार मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो के मंदिर विश्व धर्मिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण हैं और इन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

खजुराहो मंदिर का इतिहास: खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 10वीं और 12वीं सदी के बीच हुआ था। इन मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश के राजाओं द्वारा किया गया था और ये मंदिर उनके धार्मिक और सांस्कृतिक आदर्शों का प्रतीक थे।

खजुराहो के मंदिरों की विशेषता: खजुराहो के मंदिरों की एक विशेष बात यह है कि इनमें एकत्र कई प्रकार के मूर्तियाँ हैं जो लिंगभेद को प्रस्तुत करती हैं। यहाँ पर हम कुछ मुख्य मंदिरों के बारे में बात करेंगे:

  1. खजुराहो के लक्षण मंदिर: यह मंदिर खजुराहो के मुख्य मंदिरों में से एक है और इसका निर्माण 10वीं और 11वीं सदी में हुआ था। इस मंदिर की शृंगारिक सुंदरता और कला का प्रदर्शन होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ हैं जो पुरुष और महिलाओं के बीच विवादित अवस्थाओं को प्रस्तुत करती हैं।
  2. खजुराहो के मध्यकालीन मंदिर: यह गुप्त शैली के मंदिर हैं और इनका निर्माण 11वीं और 12वीं सदी में हुआ था। इन मंदिरों की सुंदर मूर्तियाँ और विशेष रूप से उनके शिखर की विशेषता है।
  3. देवी मंदिर: खजुराहो में एक अन्य महत्वपूर्ण मंदिर है जिसे “देवी मंदिर” के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में मां दुर्गा की मूर्ति विराजमान है, और यहाँ विशेष धार्मिक पूजाएँ आयोजित होती हैं।

खजुराहो के मंदिरों का महत्व: खजुराहो के मंदिर भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मंदिरों में दिखाई जाने वाली चित्रकला और वास्तुकला का महत्वपूर्ण प्रतीक है। यहाँ के मंदिर आज भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ एक पर्यटन स्थल के रूप में लोगों को आकर्षित करते हैं।

खजुराहो के मंदिर: सौंदर्य का प्रतीक: खजुराहो के मंदिर अपनी सुंदर सांस्कृतिक और कला के लिए प्रसिद्ध हैं। इनकी सुंदर शिखर, भव्य स्थली, और रूपचर्या कला की उत्कृष्टता ने इन्हें विश्व भर के पर्यटकों के लिए एक मनमोहक स्थल बना दिया है। यहाँ पर कुछ मंदिरों के बारे में और विस्तार से जानकारी है:

  1. खजुराहो के लक्षण मंदिर:
  • निर्माण काल: 10वीं और 11वीं सदी
  • विशेषता: लिंगभेद को प्रस्तुत करने वाली मूर्तियाँ
  • सुंदरता: चित्रकला की श्रेष्ठता
  1. खजुराहो के मध्यकालीन मंदिर:
  • निर्माण काल: 11वीं और 12वीं सदी
  • विशेषता: गुप्त शैली के मंदिर, शिखर की विशेषता
  • सुंदरता: अद्वितीय कला का प्रतीक
  1. देवी मंदिर:
  • निर्माण काल: 10वीं और 11वीं सदी
  • विशेषता: मां दुर्गा की मूर्ति, धार्मिक पूजाएँ
  • सुंदरता: आदर्श धार्मिक स्थल

खजुराहो के मंदिर: धार्मिक महत्व: खजुराहो के मंदिर भारतीय धर्म और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मंदिरों में विभिन्न धार्मिक कथाओं की मूर्तियाँ हैं जो धार्मिक अदार्शों को प्रस्तुत करती हैं। खजुराहो के मंदिर ध्यान और धार्मिक आत्मा को बढ़ावा देते हैं और लोग यहाँ आकर ध्यान और पूजा का आनंद लेते हैं।

खजुराहो के मंदिर: पर्यटन का हब: खजुराहो के मंदिर भारतीय पर्यटन के एक महत्वपूर्ण हब के रूप में जाने जाते हैं। यहाँ पर्यटक भारतीय संस्कृति का अद्वितीय अंश देख सकते हैं और इसके साथ ही इस सुंदर शहर की सौंदर्य को भी अनुभव कर सकते हैं।

   

खजुराहो के मंदिरों में बनी कामसूत्र की मूर्तियों का रहस्य

खजुराहो के मंदिरों में अद्भुत कला शैली और सौन्दर्य के साथ साथ कलात्मक कार्य भी किया गया है। इनमे से कुछ मंदिरों पर आंतरिक और बाहरी दोनों ही तरफ 10% से 15% हिस्से पर कामसूत्र की कलाकृतियों को बनाया गया है। इनमे से कुछ मंदिरों में बहार की तरफ लम्बी लम्बी दीवारे बनायीं गयी है जिन पर भी छोटी छोटी कामसूत्र की कलाकृतियों को बनाया गया हुआ है। कुछ इतिहासकारों का कहना है की पुराने समय में यहाँ पर कामुकता की सभी कलाओं का अध्यन और अभ्यास किया जाता था। वंही कुछ इतिहासकारों का यह भी मनना है की कामसूत्र की कलाक्र्तियाँ भी हिन्दू परम्परा का ही एक भाग है और यह मानव शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। जेम्स मैक्कोन्नाची ने अपनी पुस्तक कामसूत्र के इतिहास ( द हिस्ट्री ऑफ़ कामसूत्र ) में भी खजुराहो का वर्णन किया है। खजुराहो मंदिर से जुडी कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी

खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?

ऐसे तो आप कभी भी खजुराहो घूम सकते हैं लेकिन यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर-फरवरी  है।

क्योंकि साल के इस समय में दुनिया भर से कई पर्यटक आते हैं। और यहां तक कि आप कुछ स्थानीय त्योहारों का भी आनंद ले सकते हैं।

अब सवाल यह है कि खजुराहो कैसे आएं

यदि आपने 10 वर्ष पहले यह प्रश्न पूछा होता तो इसका उत्तर देना कठिन होता।

लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि खजुराहो का अपना हवाई अड्डा और ट्रेन स्टेशन भी है। जहां भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे दिल्ली-आगरा-मुंबई-वाराणसी-झासी-यहां तक कि बिहार से भी कई ट्रेनें चलती हैं।

 

 

तालिका:

संख्या मंदिर का नाम निर्माण काल विशेषता
1 खजुराहो के लक्षण मंदिर 10वीं और 11वीं सदी लिंगभेद को प्रस्तुत करने वाली मूर्तियाँ
2 खजुराहो के मध्यकालीन मंदिर 11वीं और 12वीं सदी गुप्त शैली के मंदिर, शिखर की विशेषता
3 देवी मंदिर 10वीं और 11वीं सदी मां दुर्गा की मूर्ति, धार्मिक पूजाएँ

 

 

निष्कर्ष: खजुराहो के मंदिर भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये भारत के सौंदर्य और धर्म को प्रस्तुत करने में मदद करते हैं। इन मंदिरों की सुंदरता और महत्व को समझकर लोग यहाँ आकर ध्यान, पूजा, और आध्यात्मिक अनुभव का आनंद लेते हैं। खजुराहो के मंदिर भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं और इन्हें सुरक्षित रखना और संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

सुझाव: खजुराहो के मंदिर का दर्शन करने के लिए भारत के पर्यटन सीजन में यहाँ आएं। ध्यान, पूजा, और सौंदर्य का आनंद लें और इस अद्वितीय धार्मिक स्थल का आनंद उठाएं। यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है जो आपकी जीवन में नई सोच और आत्मा की शांति ला सकता है।

 

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