पीलिया (जॉन्डिस)2023 – लक्षण, कारण, उपचार, निदान, सावधानियां, दुष्प्रभाव, घरेलू उपाय और आहार
परिचय (Introduction)
जॉन्डिस या पीलिया एक बीमारी है जो शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने के कारण होती है। बिलीरुबिन का निर्माण लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण ऊतकों और खून में होता है। यह लिवर की बीमारी है। इससे ग्रसित मरीज की स्किन और आंखों का रंग पीला हो जाता है।
पीलिया, जिसे जॉन्डिस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार की बीमारी है जो त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से को पीला बना देती है। यह एक आम समस्या है और अक्सर शारीरिक समस्याओं के कारण होती है। इस लेख में हम पीलिया के लक्षण, कारण, उपचार, निदान, सावधानियां, दुष्प्रभाव, घरेलू उपाय और आहार के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
लक्षण (Symptoms)
पीलिया के लक्षण में त्वचा और आंखों का पीलापन, पेट में दर्द, बुढ़ापे में कमी जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण अक्सर नौसिहत लाइफस्टाइल और नुकसानकारी आहार के कारण आते हैं।
- थकान रहना
- पेट में दर्द
- वजन घटना
- उल्टी और जी मिचलाना
- बुखार
- भूख न लगना
- कमजोरी महसूस होना
- शरीर में खुजली होना
- नींद न आना
- फ्लू जैसे लक्षण
- ठंड लगना
- गहरे रंग का पेशाब
- धूसर या पीले रंग का मल
- त्वचा के रंग में बदलाव
कारण (Causes)
पीलिया के कारणों में विषाणुजनित जिगर के संक्रमण, शराब की अत्यधिक खपत, अल्कोहलिक हेपेटाइटिस, फाइलिज, इन्फेक्शन, और गुर्दे की समस्याएँ शामिल हो सकती हैं।
- हेपेटाइटिस:हेपेटाइटिस के कारण पीलिया की शिकायत हो सकती है। यह एक लिवर की बीमारी है जो वायरल इन्फेक्शन, ड्रग्स के इस्तेमाल या ऑटोइम्यून डिजीज के कारण हो सकती है।
- लिवर की सूजन:सूजन के कारण लिवर, बिलीरुबिन को न तो सही तरीके से एकत्रित कर पाता है और न ही शरीर से बाहर निकाल पाता है। इस स्थिति में लिवर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है और पीलिया हो जाता है।
- शराब से संबंधित लिवर की बीमारी:अधिक शराब पीने के कारण लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। अधिक शराब के सेवन से लिवर से संबंधित होने वाले रोग अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और अल्कोहलिक सिरोसिस हो सकते हैं। इससे पीलिया होने की संभावना होती है।
- हेमोलिटिक एनीमिया:इस स्थिति में शरीर में बड़ी मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बिलीरुबिन का निर्माण होता है और पीलिया की स्थिति निर्मित होती है।
- गिल्बर्ट सिंड्रोम:यह एक आनुवांशिक विकार है। इस स्थिति में हमारे शरीर में पाए जाने वाले एंजाइम, पित्त को कम मात्रा में फिलटर कर पाते हैं। उनकी फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है।
- पित्त नलिकाओं के ब्लॉकेज:ये पतली नलिकाएं होती हैं जो लिवर और पित्ताशय से पित्त को छोटी आंत में ले जाती हैं। ये नलिकाएं गाल स्टोन, कैंसर या लिवर के अन्य गंभीर रोगों के कारण ब्लॉक हो जाती है। इस स्थिति में पीलिया हो सकता है।
- पैंक्रियाटिक कैंसर:यह पित्त नली को बंद कर सकता है और पीलिया का कारण बन सकता है। यह महिलाओं में होने वाला 10वां और पुरुषों में होने वाला 9वां सबसे कॉमन कैंसर है।
- दवाओं के कारण:एसिटामिनोफेन, पेनिसिलिन, गर्भनिरोधक गोलियां और स्टेरॉयड लिवर की बीमारी से जुड़ी हैं। यह पीलिया का कारण बन सकती हैं।
निदान (Diagnosis)
पीलिया का निदान डॉक्टर की सलाह और परीक्षण के आधार पर किया जाता है, जिसमें रक्तज्ञान, यूरीन परीक्षण, जांच और शराब के परीक्षण शामिल हो सकते हैं।
उपचार (Treatment)
पीलिया के उपचार में विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा सलाह दी जाती है, जिसमें दवाइयों का सेवन, स्वस्थ आहार और विशेष देखभाल शामिल हो सकते हैं।
सावधानियां (Precautions)
पीलिया से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इन्हें सामान्य उपचार और अपने आहार में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। जबकि इसकी सीरियस स्टेज में मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ता है। डॉक्टरी इलाज के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है। कब्ज, सूजन, गैस, पेट दर्द, दस्त, मतली और उल्टी होना पीलिया के इलाज के साइड इफेक्ट है। यह कुछ मरीजों में देखने को मिल सकते हैं।
दुष्प्रभाव (Side Effects)
पीलिया के दुष्प्रभाव में थकान, पेट में दर्द, या शरीर में तेजी से वजन कमी हो सकता है।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
पीलिया के लिए घरेलू उपाय में नींबू पानी, पपीते का रस, आमला, और पिपली सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
आहार (Diet)
पीलिया के रोगी को हल्दी, भुना चना, पालक, मूली, अनार, और खासी दिन में पानी पीने की सलाह दी जाती है। उन्हें तेल, मांस, और तले हुए खाने से बचना चाहिए।
इस लेख में हमने पीलिया या जॉन्डिस के बारे में विस्तार से बात की है, जिसमें इसके लक्षण, कारण, उपचार, निदान, सावधानियां, दुष्प्रभाव, घरेलू उपाय और आहार पर चर्चा की गई है। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है और इसे समय-समय पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करना उपयोगी हो सकता है।.
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पीलिया कितने दिन रहता है?
आमतौर पर वयस्को में पीलिया का इलाज उसके लक्षणों व कारणों पर निर्भर करता है। यदि पीलिया तीन हफ्ते या उससे अधिक समय तक बना रहता है तो डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। इसके लक्षण जितने कम दिखेंगे पीलिया उतनी जल्दी ठीक हो सकता है। पीलिया शरीर में बिलिरुबीन का स्तर बढ़ने के कारण होने वाली बीमारी है। स्तनपान करने वाले शिशुओं में पीलिया एक महीने तक रह सकता है। जबकि ऐसे बच्चे जो फॉर्मूला पर होते हैं उनमें पीलिया दो सप्ताह तक रह सकता है।
- डाइट में दूध शामिल करें और नियमत दूध पिएं।
- कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।
- हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।
- सुरक्षित और स्वस्थ भोजन व साफ पानी का सेवन करें।
- संक्रमण के दौरान वसायुक्त और तेल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करें।
- कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के साथ पाचन को बेहतर बनाने वाले फलों को डाइट में शामिल करें।
- अधिक शराब न पिएं।
- हेपेटाइटिस के टीके लगवाएं।
- नशीली दवाओं का उपयोग न करें।
- असुरक्षित यौन संबंध से बचें।